राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार की एक ऐसी गतिविधि हैं जिसमें 10 से 17 आयु वर्ष के बालक विज्ञान सीखने एवं उसके उपयोग करने की प्रक्रिया को बच्चों के आस पास के परिवेश वातावरण व पर्यावरण से जोड़ना हैं।
यह गतिविधि भारत में उस समय पनपी जब देश में भारत जन विज्ञान जत्था और भारत ज्ञान विज्ञान जत्था जैसे लोकप्रिय आंदोलन चल रहे थे। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश के एन जी ओ ग्वालियर साइंस सेंटर द्वारा की गई बाद में भारत सरकार ने इसे गोद ले लिया। 1993-94 में इसका राष्ट्रीय आयोजन नई दिल्ली में हुआ जिसमें अपेक्षा रखी गई कि बच्चों में उनके मार्गदर्शक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जिज्ञासा विकसित हो साथ ही विज्ञान के प्रति समझ विकसित हो।
इस गतिविधि में किसी भी भाषा, लिंग, समाज, आदिवासी एवं दिव्यांग भी इसमें प्रतिभाग कर सकते हैं।
वर्ष 2018 से एक प्रोजेक्ट पर दो बालको का समूह ही बनेगा साथ ही 2018-19 और 2019-20 का मुख्य विषय-
"स्वच्छ, हरित व स्वस्थ राष्ट्र के लिए विज्ञान तकनीक और नवाचार"
इसमें छ उप विषय हैं-
पहला- पारितंत्र एवं पारितंत्र सेवाएं
दूसरा- स्वास्थ , स्वछता और साफ सफाई।
तीसरा- कचरे से आजीविका
चौथा- समाज संस्कृति एवं आजीविका
पांचवा- पारम्परिक ज्ञान प्रणाली
छठा- दिव्यांगो के लिए सुगमता
इन छ उप विषय के अन्तर्गत स्थानीय समस्या पर प्रोजेक्ट बना सकते है साथ ही ये भी जान ले कि प्रोजेक्ट हैं क्या?
किसी भी अवधारणा की जांच एक प्रयोग हैं प्रयोग, वैज्ञानिक विधि की नीव हैै तथा संसार के बारे मैं खोज करने का प्रणालीगत तरीका हैं।
वैज्ञानिक विधि के चरण:-
- अवलोकन करना।
- अवधारणा का निर्माण।
- अवधारणा को जांचने परखने हेतू एक प्रयोग की रूप रेखा बनाना तथा उसे पूरा करना।
- प्रयोग के परिणाम का मूल्यांकन करना।
- अवधारणा को सही मानना या गलत मानकर अस्वीकार कर देना।
- अगर जरूरी हो तो नई अवधारणा बनाना। स्थानीय अधिकृत आंकड़े लेने के लिए आप ENVIS - वेब लिंक पर जाएं।
प्रोजेक्ट के प्रकार
- सर्वे पर आधारित।
- प्रयोग पर आधारित।
- सर्वे, प्रयोग दोनो पर आधारित
प्रोजेक्ट का मतलब है क्या आइए इसे जान ले -
- नवाचार, सरल व प्रायोगिक।
- टीम वर्क का प्रतिनिधित्व।
- रोजमर्रा के जीवन की परिस्थितियों पर आधारित।
- प्रयोगशाला से बाहर के आंकड़ों का संग्रह।
- सरल वैज्ञानिक विधि का प्रयोग करते हुए रूपरेखा तैयार करना।
- समस्या वाले समुदाय से सीधा संबंध।
- योजना क्रियान्वयन को सीधा फॉलो अप करना। अच्छे प्रोजेक्ट के मानदंड
- वह प्रोजेक्ट जो मौलिक हो साथ ही नवीनता हो ।
- समस्या की समझ हो और वैज्ञानिक विधि द्वारा संभावित समाधान हो।
- गुणात्मक और मात्रात्मक कार्य टीम वर्क सीखने की प्रक्रिया।
- वैज्ञानिक विधि का उपयोग। भाषा :- भाषा प्रतिभागियों के लिए कोई बाध्य नहीं आप किसी भी स्थानीय भाषा में अपना प्रस्तुतीकरण लिख व बोल सकते हो। प्रोजेक्ट का मार्गदर्शक कोन बन सकता हैं:-
- कोई भी व्यक्ति जिसे वैज्ञानिक तरीके और बच्चो के साथ काम करने की समझ हो प्रोजेक्ट का मार्गदर्शक बन सकता हैं।
- मार्गदर्शक को किसी स्कूल का शिक्षक होना अनिवार्य नहीं हैं।
- आयोजन समिति के सदस्य ,मार्गदर्शक नहीं बन सकते।
- आयोजन समिति के सदस्यों के बालक इसमें प्रतिभाग नहीं कर सकते। कार्य करने का क्षेत्र :- बाल विज्ञानी , मुख्य/उप विषय के अन्तर्गत आने वाली सामाजिक समस्या पर केवल अपने आस पास के भौगोलिक एरिया में कार्य कर सकत हैं। प्रोजेक्ट पर कम से कम तीन माह का कार्य हो और साथ ही इसे भारत सरकार की वेब पोर्टल www.ncsc-india.in पर जाकर cs registration पर पंजीकृत कर सकतेहै।