साथियो !
प्रगति विज्ञान संस्थान को पंजीकृत हुये आज पुरे 11 साल हो गये । वैसे तो इस संस्था का बीज 1984 में बोया गया था यानी इस मुकाम तक आने में 36 साल लग गयें हालाकि जब इसे बनाया गया था तब विज्ञान के प्रयोग करना ओर उसे मजेदार बनाना ही इसका उददेश्य था परन्तु अब जब राष्ट्रीय विज्ञान व मिडिया पुरूस्कार भी हमें मिल चूके हैं तब इसकी गरीमा को बनाये रखने और समाज व देश के नौनीहालो में वैज्ञानिक समझ को विकसित करने के लिए अपनी प्रतिबद्वता को बनाये रखना होगा।
भारत में आम जनमानस में विज्ञान के प्रति रूचि ,वैज्ञानिक द्वष्टिकोण विकसित करने और विज्ञान की समझ बढ़ाने के लिए के लिए किये जा रहे प्रयास देश की जनसंख्या की तुलना में बेहद नाकाफी हैं क्योकि जब सभी में वैज्ञानिक द्वष्टिकोण विकसित होगा तब ना तो कोई बाहरी मूल्क हमें लुट पायेगा और ना ही अतिक्रमण और ट्रेफिक जैसी समस्या हमारे मुहबायें खडी होंगी मानवीय गलतियों से बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण महामारी,भुकम्प और चक्रवातो का आना भी कम हानीकारक होगा। वर्तमान में सर्वशक्तिमान बनने का लालच इन सभी आपदायो को जन्म दे रहा हैं ।तिब्बत का बढ़ता तापमान भारत को शानदार मानसून दे रहा हैं तो वहीं प्रशानत महासागर और अरब सागर का 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुॅचें तापमान ने हमें अब समुद्री तुफानों की संख्या बढ़ा दी है।ऐसे में कम से कम एक ब्लाक पर अलग अलग विषय विशेषज्ञों जो विज्ञान संचारक के रूप में प्रशिक्षित हो की एक टीम तैयार किये जाने की आवश्यकता है।
संस्था ने देशभर में सैकडों विज्ञान संचारक तैयार किये हैं और उन सभी से अपेक्षा हैं कि अपनी तरह के और विज्ञान संचारक तैयार करने का आज सभी इमानदारी के साथ संकल्प ले । इस संकल्प की एक विडियो बनाकर भी भेजे । साथ ही आप सभी से एक निवेदन हैं कि आप संस्था में क्या नया और बदलाव चाहते हैं जो वर्तमान पीढ़ी को सही दिशा दे सके ंअपने अनुभव के साथ जरूर भेजे । यहां सकारत्मक विचारो को हमेशा सम्मान देने वाली संस्था आप सभी की हे।
इसी संकल्प के साथ आज शाम 7 बजे यूटयूब चैनल - विज्ञान आओ करके सीखें पर सीधे प्रसारण से जरूर जूडियें। नये तथ्यो और योजना के साथ । हो सकता है जीवन में कुछ बदलाव ले आयें।
इसी के साथ नमस्कार!
जय हिन्द जय भारत !
दीपक शर्मा