सिटाक्यूला केमरी-मनुष्यों की आवाज की नकल करता हैं

मनुष्यों की आवाज की नकल करने वाला पक्षी तोता


विश्व के सुंदर पक्षियों में से एक पक्षी  हैं तोता
तोते का नाम सुनकर सबका मन करता हैं अपनी आवाज को तोते से सुनने का यह पक्षी रंगीन होते हैं।  इसके साथ ही साथ कुछ ऐसे गुण हैं तोते में जैसे संगीत की ताल से ताल मिलाकर नाचना या मटकना,गिनती या सँख्या को याद करना,या फिर खेलना जिस कारण  सभी मनुष्य तोतो की तरफ आकर्षित होते है। यह पक्षी दुनिया के सभी पक्षियों में  सबसे बुद्धिमान पक्षी होता हैं


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तो आज जानते है कुछ ओर नई जानकारी अपने इस रंगीन पक्षी तोते के विषय में



तोते  का वैज्ञानिक नाम सिटाक्यूला केमरी हैं। यह पक्षियों के सिटेसी वर्ग के सिटेसिड़ी कुल का पक्षी हैं।  यह ज्यादातर गर्म देशो में पाया जाता हैं । इनका मुख्य निवास आस्ट्रेलिया ओर न्यूजीलैंड हैं। इसके साथ ही साथ यह दक्षिण और मध्य अमेरिका, एशिया, अफ्रीका,ओर ओशिनिया सहित सभी उष्णकटिबंधीय ओर उपोष्णकटिबंधीय  क्षेत्रों  में पाया जाता है। विश्व मे तोते की लगभग 400 प्रजातियां पाई गई हैं। जिनमे से तोते की कुछ प्रजातियां विलुप्त हो गयी हैं । 



तोते का जीवन विभिन्न प्रजातियों के आधार पर  अलग अलग होता हैं। जैसे छोटे तोते 15 से 22 वर्षों तक मध्य्म  आकार के तोते 25 से 30 वर्षो तक, होता हैं तोते की कुछ प्रजातियों के जीवनकाल मनुष्यों के जीवन काल से भी अधिक होता हैं। इस प्रजातियों के तोते को अगर किसी ने पाला तो वह तोता उस परिवार की तीन पीढ़ियों तक को देख सकता हैं मतलब ये 80 से 90 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। अभी तक सबसे अधिक उम्र तक जीवित रहने वाले तोते का नाम कुकी हैं  जिसकी वर्ष 2016 में 83 साल में की उम्र में मृत्यु हो गयी।


तोते का वजन अलग अलग होता हैं  औसतन एक तोते का आकार  3.5 से 40 इंच तक  व वजन 64 ग्राम से लेकर 1.6 किलोग्राम हो सकता हैं। दुनिया मे सबसे  छोटा तोता पिग्मी हैं जो इंडोनेशिया ओर पापुआ न्यू गिनी में पाया जाता हैं इसका वजन मात्र 11.5 ग्राम  होता हैं। और दुनिया का सबसे वजनदार तोता न्यूजीलैण्ड में पाया जाता हैं जिसका नाम काकापो हैं इसका औसतन वजन 2 से 4 किलोग्राम होता हैं जिस कारण यह एक मात्र ऐसा पक्षी हैं जो अपने वजन की वजह से उड़ नही पाता। ओर काकापो विश्व के दुर्लभ पक्षियों में आता हैं।



मादा तोते एक बार में 2 से 8 अंडे तक देते हैं।  जिन्हें 18 से 35 दिनों तक दोनों नर और मादा अंडों को सेते हैं ज्यादातर मादा तोते इस काम को करती हैं। तोते के बच्चे जब पैदा होते तब पहले दो सप्ताह तक इनकी आँख  धीरे धीरे  खुलती हैं पर इनके पंख नही होते 2 से 3  सप्ताह बाद ही इनके पंख  निकलने शुरू होते हैं। एक से चार साल बाद ही ये बच्चे पूरी तरह से परिपक्व हो जाते हैं। और तोते में कुछ प्रजातियां ऐसी भी पाई जाती हैं जिनमे नर और मादा में अंतर कर पाना मुश्किल होता हैं उनके लिंग का पता उनके रक्त परीक्षण करने पर ही ज्ञात होता हैं और कुछ प्रजातियां  ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर नर और मादा का पता लगाया जा सकता हैं जैसे नर तोते के कन्धों और पंखों के वक्र में अधिक लाल रंग के फर देखे जा सकते है इसके अतिरिक्त  गैंग गैंग कोकोटू  प्रजाति के नर के सिर पर लाल कलगी होती हैं और मादा के सिर पर ग्रे  कलगी।


तोते भी सामाजिक पक्षी हैं जो  अधिकतर समूह में रहना पसंद करते हैं। यह पक्षी अकेला नही रह सकता अकेला रहने से ये पागल भी हो सकता हैं इसीलिए इसके साथ काम से कम एक तोता साथ मे होना चाहिए क्योंकि इन्हें भी प्यार और दुलार चाहिए होता हैं और लंबे समय तक इन्हें पिंजरे में अकेले नही छोड़ना चाहिए।


तोते सर्वाहारी होते है। क्योंकि बीज, फल पराग कलिया के साथ साथ ये छोट छोटे कीड़ो को भी खा जाते हैं बीज इनका पसन्दीदा भोजन होता हैं तोतो को चॉकलेट नही  खिलानी चाहिए इससे यह बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं तोते अपना भोजन अपने पैरों के पंजों में दबाकर कहते हैं और इनके पंजो के दो नाखून आगे की तरह होते ह ओर दो पीछे की तरफ होते है जिस वजह से ये अपना भोजन अच्छे से पकड़ लेते हैं। तोता ही एक मात्र ऐसा पक्षी हैं जो अपना भोजन अपने पंजो में पकड़ कर खाता हैं। तोते  की चोच नुकीली और घुमावदार बहुत ही मजबूत होती हैं। इसकी ऊपर की चोंच बड़ी व नीचे की छोटी होती हैं। विभिन्न प्रजातियों में इनकी चोंच अलग अलग रंग की होती हैं। जैसे लाल , काली, ग्रे । यह अपनी चोंच से अखरोट व नारियल तक को तोड़ सकता हैं। 


आस्ट्रेलिया में अक्टूबर से दिसम्बर के बीच ऐसी घटना होती हैं। जिसे ड्रअंकन पैरट सीजन के नाम से  जाना जाता हैं इसके अन्तर्गत सेंकडो तोते  फेरमेंटेड फ्रूट्स खा लेते हैं जो कि विस्की बनाने में प्रयोग में लाये जाते है। फेरमेंटेड फ्रूट्स खाने के बाद ये पूरी तरह से नशे में धुत हो जाते है। और इनका व्यवहार भी एक हैंग ओवर मनुष्य की तरह ही देखने को मिलता हैं। आस्ट्रेलिया में इस घटना को देखने के लिए पूरे विश्व से पर्यटक पहुँच जाते है।


तोते की उड़ने की गति 24 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होती हैं। सबसे तेज गति से उड़ने वाला तोता कॉकटोस प्रजाति का होता हैं जो 65 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से उड़ान भरता हैं और अधिक समय तक हवा में रह सकता हैं।  तोते और पक्षियों की तरह अपना घोंसला नही बनाते ये पेड़ के कोटर , दीमक के टीले  या चट्टानों के छेद में अपने रहने का ठिकाना खोजते हैं। 


तोतो को संगीत की ताल बहुत पसंद हैं कोई गीत बजने पर आप तोतो को आंनद लेते देख सकते हैं। या संगीत की ध्वनि सुनते ही ये उछलने और नाचने लगते है कई तोते  मनुष्य की बोली व अन्य ध्वनियों की नकल कर सकते हैं। अफ्रीकी ग्रे तोते मनुष्य की बोली व अन्य ध्वनियों की नकल करने की अपनी दक्षता के लिए जाने जाते हैं ये तोते 700 से भी अधिक शब्द बोल सकते हैं ये रंगों और चित्रों को पहचान सकते हैं तोता बहुत बुद्धिमान पक्षी होता हैं इसमे मनुष्य के 4 से 5 तक के बच्चे के जितना दिमाग होता हैं यह जो भी ध्वनि सीखता हैं। जंगल मे जाने पर अन्य तोतो को भी सीखा देता हैं। दुनिया का सबसे  ज्यादा  बुद्धिमान तोता पॉक  हैं।  इसने शब्दकोश के 1728  शब्द पढ़ने के लिए विश्व रिकार्ड में नाम दर्ज कराया हुआ है।  1915 में इसकी मृत्यु के बाद इसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया था। तोते पराबैगनी प्रकाश को भी देख सकते हैं। तोते के पंखों में प्राकृतिक रूप से एंटीबैक्टीरियल तत्व भी पाए जाते है।


इस पक्षी की इन्हीं गुणों की वजह से ओर इसकी सुंदरता की वजह से तोते  को प्राचीन काल से ही पालतू पक्षियों में पाया गया हैं। आज भी कुछ घरों में तोते को बिल्कुल परिवार के सदस्यों की तरह ही रखा जाता हैं और तोते के खान पान से लेकर उसके जन्मदिवस तक को मनाया जाता हैं और तोतो को भी इंसानों के साथ रहने की चाहत होती हैं और ये मनुष्यों के साथ भी नाचते खेलते और उछलते हैं। तोते थोड़े अक्रामक स्वभाव के भी होते हैं। जो अपनी बात को मनवा ही लेते हैं यदि नही मानते तो ये कपड़ो में रुमाल और कागज को काट देते हैं या छिपा देते हैं। जो इनकी आवाज से मालूम पड़ जाता हैं।