साबुन से हाथ धोने पर कोरोना कैसे मर जाता है
साबुन और सेनिटाइजर से हाथ धोने पर कोरोना मर जाता है ऐसा क्या होता है एल्कोहल और साबुन से हाथ धोने पर जो कोरोना को मर देता है यह जाने से पहले हम करोना , साबुन और एल्कोहल की संरचना का समझ लेते है
करोना की कोशिका में सब से बाहर की तरफ उंगली नुमा आकार की संरचना होती है उस स्पाइक प्रोटीन कहते है ये संक्रमित व्यक्ति के शरीर की कोशिका से खुद तो जोड़ने का कार्य करता है इस के बाद लिपिड लयर होती है ये कोशिका का रक्षा कवच होता है जो उसे बाहर से होने वाले हर खतरे से बचाती हैं ये नॉन पोलर होती है अतः ये जल में अघुलनशील होती है किन्तु नॉन पोलर कार्बनिक विलायकों जैसे क्लोरोफॉर्म , ईथर , बेंजीन , एसीटोन , पेट्रोलियम आदि में घुलनशील होती हैं इस के बाद इन्नर प्रोटीन होता है प्रोटीन अमीनो एसिड के बहुलक है प्रोटीन अणु में बहुत - से ऐमीनो एसिड पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े रहते हैं । पेप्टाइड बंध में एक ऐमीनो एसिड का कार्बॉक्सिल समूह ( COOH ) दूसरे ऐमीनो अम्ल के ऐमीनो समूह ( -NH2 ) से जुड़ता है एक पेप्टाइड बंध बनने में पानी का एक अणु मुक्त होता है इसलिए इसे निर्जलीकरण संघनन ( dehydration condensation ) प्रक्रिया कहते है प्रत्येक प्रोटीन अणु की पॉलिपेप्टाइड शृंखला में ऐमीनो अम्लों का क्रम विशिष्ट प्रकार का होता है इस के अंदर RNA सुरक्षित रहता है यह कोशिका का अनुवांशिक पदार्थ होता है जिस के द्वारा यह संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रोलाइफरेशन के दौरान अपनी जैसी सामान संतति कोशिका को जन्म देता है
साबुन और एल्कोहल की संरचना मैं ज्यादा अंतर नहीं होता इनका पिछला सिरा नॉन पोलार होता है और आगे का सिरा पोलर होता है कोरोना की लिपिड लेयर नॉन पोलर होती है और इन्नर प्रोटीन लेयर पोलर होती है
तो जब हम साबुन या सेनिटाइजर से हाथ धोते है तब साबुन और एल्कोहल का जो पिछला सिरा जो नॉन पोलर होता है वो करोना वायरस की लिपिड लयार को तोड़ देता है लिपिड लेयर के टूटने के बाद साबुन और एल्कोहल का आगे का सिरा जो पोलर होता है वो इन्नर प्रोटीन लेयर को तोड़ देता है और जब दोनों प्रोटेक्शन लेयर टूट जाती है तो उस के बाद कोरोना वाइरस कोशिका का RNA जो उसका आनुवंशिक पदार्थ है वो भी नस्ट हो जाता है और हमारे हाथ वायरस मुक्त होजाते है shubham Agarwal IIT dhanbad
Ex faculty ( chemistry) Allen Institute Kota