प्रेम का प्रतीक शुक्र ग्रह आज कल शाम को दिख रहा हैं

हमारे सौर परिवार में 8 ग्रह हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण इनमे से हम बिना टेलिस्कोप के शुक्र , मंगल, बृहस्पति,देख सकते हैं इनमे से सबसे नजदीक अपनी पृथ्वी की तरह समान आकार शुक्र ग्रह का हैं इसको पृथ्वी की जुड़वा बहन भी कहा जाता हैं। इस पर कार्बन डाइऑक्साइड ओर नाइट्रोजन के जवालामुखी वातावरण के कारण ही ये अपनी पृथ्वी से भिन्न है।


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यह तेज रोशनी के साथ चमकता हैं आपने इसे कभी सुबह तो कभी स्याम में एक तेज जलते बल्व के रूप में देखा होगा  मानो अंधेरे आसमान में तेज रोशनी वाला एक बल्व लगा दिया हो इसे भोर का तारा भी कहते है। ये ग्रह अगस्त से लेकर दिसम्बर तक सूर्य उदय होने से पहले पूर्व दिशा की तरफ अंधेरे आकाश  में  भोर में दिखाई देता हैं और वही जनवरी से मई तक पश्चिमी दिशा में सूरज छिपने के साथ ही साथ शाम को तेज रौशनी के साथ  ऊचाई पर दिखाई देता हैं


टेलीस्कोप से देखने पर इसकी भी चंद्रमा की तरह ही  कलाये दिखाई देती हैं और जब यह अपने अधिक रूप  या बढ़ाव में होता हैं तब यह सूर्य से 3 घंटे पहले या 3 घंटे बाद उदय होता हैं। यह एक ऐसा ग्रह से जिसे आसानी ये अपनी नग्न आँखों से सभी देख सकते हैं।