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वर्तमान में कोविड 19 वायरस की वजह से सम्पूर्ण देश लॉक डॉउन है , लोग परेशान है कि क्या करे , आइए हम बताते है कि आप रात्रि आकाश में तारो और ग्रहों को कैसे देख सकते है इसके अलावा माह अप्रैल में प्रतिदिन आप रात्रि आकाश में क्या देखेंगे वो भी हम आपको बताते है , हमेशा से ही अप्रैल का महीना एस्ट्रोनॉमर की पसंद रहा है वजह है इस महीने में ज्यादातर आसमान साफ रहता है, बादलों की आशंका भी नहीं होती । दिन लंबा होना शुरू हो चुके होते है । दिन भले ही गरम हो मगर राते ठंडी रहती है । ये ही वजह है कि अप्रैल माह को अंतरराष्ट्रीय खगोलिकी संगठन एस्ट्रोनॉमर विदाउट बॉर्डर ने ग्लोबल एस्ट्रोनॉमी मंथ घोषित किया हुआ है। एक सामान्य रात्रि आकाश में आपको क्या क्या नजर आ रहा है आइए आपको बताते है । हम दक्षिण दिशा की तरफ हमारा मुंह कर के खड़े हो जाएं, तो हमारी पीठ उत्तर दिशा को, हमरा बायां हाथ पूर्व दिशा को और हमारा दाहिना हाथ पश्चिम दिशा को संकेत करता हुआ होगा ।
माह अप्रैल का स्काई मैप
समय:- 7.30 से 9.30 शाम
पश्चिम दिशा में हमे एक बहुत ही चमकदार तारा नजर आएगा । ये तारा नहीं है ये है हमारे सौर मंडल का सबसे गरम और सबसे ज्यादा चमकदार ग्रह शुक्र । पूरे अप्रैल माह में ये ग्रह लगातार अपनी चमक बिखेरता हुआ रात्रि आकाश में पश्चिम दिशा में दिखाई देगा । शुक्र ग्रह को ही भोर का तारा या सायं काल का तारा भी कहा जाता है ।
दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ आपको एक प्रसिद्ध तारो का समूह ऑरियन भी दिखाई देगा । इस तारा समूह को हिंदी में काल पुरुष तारामंडल भी कहा जाता है । इस तारा समूह में चमकने वाले मुख्यतः 7 तारे है । जिनमे से चार तारे ऐक चतुर्भुज की आकृति का निर्माण करते है और तीन तारे इनके बीच में पास पास चमकते से नजर आते है । इन्हीं तीन तारो के बीच में प्रसिद्ध ओरियन नेबुला भी स्तिथ है । इस तारा समूह का सबसे ज्यादा चमकदार तारा बीटल जूस है । जिसे हिंदी में आद्रा के नाम से भी जाना जाता है । ये लाल रंग में चमकता है । ये एक रेड जायंट या लाल महादानव तारा है । ये पृथ्वी से लगभग 640 प्रकाश वर्ष दूर है । इस तारे की ऐक विशेषता ये भी है कि ये तारा रात्रि आकाश का आठवां सबसे ज्यादा चमकदार तारा है । इस समय हमे जो बीटल जूस तारा रात्रि आकाश में नजर आ रहा है वो 640 वर्ष पुरानी छवि है ।
5. इनके अलावा रात्रि आकाश में आप निम्न तारे आसानी से पहचान सकते है :-
१. बीटल जूस : ओरियन तारा समूह का सबसे ज्यादा चमकदार तारा पश्चिम दिशा में नजर क्षितिज से काफी ऊपर नजर आएगा । ओरियन तारा समूह को काल पुरुष या मृगशीर्ष तारा समूह भी कहा जाता है ।
२. प्रोसेयान :ये हीनश्वान तारा समूह का सबसे चमकदार तारा है । यह ठीक दक्षिण पश्चिम में दिखाई देगा । इसके ठीक नीचे एक और चमकीला तारा सीरियस नजर आएगा । इसे हिंदी में प्रस्वा भी कहते है।
३. रीगल : ये भी ओरियन तारा समूह का दूसरा सबसे चमकदार तारा है ये दक्षिण दिशा एवम् दक्षिण पश्चिम दिशा के बीच में बेटेलजुस तारे के ठीक नीचे क्षितिज के ऊपर नजर आएगा । इसे हिंदी में राज़न्य तारा भी कहते है ।
४. कैपीला :- ये तारा शुक्र ग्रह के ऊपर ठीक उत्तर दक्षिण दिशा की तरफ नजर आएगा । इसे गोट स्टार भी कहते है । यह औरिगी तारामंडल या ब्रह्मा तारामंडल का सबसे चमकदार तारा है । इसे हिंदी में ब्रह्म हृदय तारा भी कहते है ।
५. अल्डेबेरान :- टोरस या वृष् तारा समूह का सबसे चमक दार तारा है । ये शुक्र ग्रह के ठीक ऊपर और ठीक पश्चिम दिशा की तरफ चमकता हुआ नजर आएगा । इस तारे को हिंदी में रोहिणी तारा के नाम से भी जाना जाता है।
६. सीरियस : कैनिस मेजर तारा समूह या हिंदी में महाश्वान तारासमूह का सबसे चमक दार तारा है । जो रीगल तारे के दाई तरफ ठीक दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ नजर आएगा । इसे हिंदी में व्याध तारा, मृगव्याध तारा या लुब्धक तारा भी कहा जाता है ।
७. आर्चरस : ठीक पूर्व दिशा से 17 डिग्री बाए की ओर से उगता हुआ नजर आएगा । ये बूट्स तारा समूह या ग्वाला नक्षत्र समूह का सबसे ज्यादा चमकदार तारा है । इसे स्वाति तारा भी कहा जाता है ।
८. रेगलस : चंद्रमा के ठीक पास में दक्षिण की ओर नजर आएगा । ये लियो या सिंह तारा समूह का सबसे चमकदार तारा है । सिंह तारा समूह ऐक राशि चक्र का प्रसिद्ध तारा समूह भी है । इस तारे को हिंदी में मघा तारा भी कहते है ।
९. पोलारिस :- इसे ध्रुव तारा भी कहते है । ये ठीक उत्तर दिशा में नजर आएगा । ये उर्सा मेजर तारा समूह या सप्त ऋषि तारा समूह का सबसे चमकदार तारा है ।
१०. वेगा :- यह लायरा तारा समूह का सबसे चमकदार तारा है जो कि रात में 10.30 बजे उगता हुआ नजर आएगा । इसे हिंदी में अभिजीत तारा भी कहते है ।
6. 15अप्रैल को मंगल, शनि और बृहस्पति ग्रह एक सीधी रेखा में नजर आएंगे । तथा साथ ही शनि और वृहस्पति ग्रह चंद्रमा के बहुत ज्यादा करीब नजर आएंगे । इन्हे हम भोर में देख सकेंगे । चन्द्रमा से इन दोनों ग्रहों की कोणीय दूरी लगभग 2 डिग्री रह जाएगी ।
7. दिनांक 16 अप्रैल को इसी तरह से चंद्रमा और मंगल ग्रह काफी करीब आ जाएंगे और इनके बीच की कोणीय दूरी लगभग 2 डिग्री रह जाएगी । इस प्रकार हमे 16 तारीख को मंगल, बृहस्पति, शनि और चन्द्रमा का परस्पर मिलन दिखाई देगा ।
8. 22 अप्रैल और 23 अप्रैल की रात्रि में हमे लिरिड मेटियोर शॉवर या लिरीड उल्का वर्षा नजर आएगी । जिसमे हमे प्रति घंटे कम से कम 20 से 100 तक टूटते तारे नज़र आएंगे । यह उल्का वर्षा 16 अप्रैल से 26 अप्रैल तक रहेगी । 22 तथा 23 को ये उल्का वर्षा अपने अधिकतम पर होगी । ये इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 22 अप्रैल को रात्रि आकाश में चन्द्रमा नहीं होगा जिससे ये उल्का वर्षा हम नंगी आंखो से साफ साफ देख सकते है ।
अनिल यादव
स्टेट प्रोजेक् कोऑर्डिनेटर
इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला
9, नबी उल्लाह रोड , सूरज कुंड पार्क, लखनऊ