कोरोना वायरस का संगीत
आज सारी दुनिया #Chinese_Virus के कारण बैकफुट पर है | इटली , अमेरिका , स्पेन बहुत भयावह स्थिति से गुजर रहे हैं|
वहीं भारत इस भयानक वायरस के संक्रमण को तीसरी स्टेज में पहुँचने से टालने लिए के अभूतपूर्व प्रयास कर रहा है, हालांकि कुछ #जाहिल लोग इसमे भी अड़चन डाल रहे हैं |
खैर इन सबके बीच एक ऐसी रिसर्च आई है जिसने वैज्ञानिको को उत्साह और रोमांच भर दिया है
दरअसल MIT ( Massachusetts Instutute of Technology ) के वैज्ञानिक प्रोफेसर #मार्कस_व्युहलेर ( Markus Buehler ) ने नॉवल कोरोना वायरस (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोना वायरस 2 (SARS CoV 2 ) की जटिल संरचना से निकलने वाली आवाज को #सोनोफिकेशन तकनीक द्वारा संगीत (music) में बदल दिया है यह पूरा संगीत करीब 1 घंटा 49 मिनट 48 सेकंड का है |
यह संगीत वायरस के बाहरी भाग में उपस्थित कंटीली संरचना ( अमीनो एसिड और स्पाइक प्रोटीन ) का है|
#पोस्ट_में_संलग्न वीडियो में आप सभी मित्र , इस संगीत को विभिन्न वाद्य यंत्रों गिटार और घण्टियों आदि की आवाज के रूप में सुन सकते हैं, हालांकि इसे किस वाद्य यन्त्र की आवाज के रूप में सुनना है यह वैज्ञानिकों की इच्छा पर निर्भर है , फिलहाल सबसे पहले इसे #जापान के वाद्य यंत्र #कोतो का प्रयोग करके सुना गया है।
इस संगीत को प्राप्त करने के लिए कोरोना वायरस के कंटीले प्रोटीन से मिले एमिनो एसिड की डीएनए के समान हेलिकल संरचना के अलग-अलग रूप व नोट का उपयोग किया गया है
#कोरोना_वायरस_की_संरचना
कोरोना वायरस दरअसल गोलाकार रूप में होता है और इसकी सतह कांटे जैसे स्पाइक प्रोटीन से बनी होती हैं जो आसानी से मानव कोशिका (Human Cell) से जुड़ जाते हैं अंदर प्रवेश कर उस कोशिका के ही संसाधनों का उपयोग कर अपने जैसे वायरस बनाने लगते हैं, ये कोशिका में ही इतने घुल मिल जाते हैं कि इनसे निपटने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम की एंटीबॉडी इन्हें पहचान नहीं पाती हैं
इसका वेक्सीन बनाना अभी तक किसी भी देश के लिए सम्भव नही हुआ है भविष्य में ऐसी रिसर्च बहुत उपयोगी साबित होगी
हम जानते हैं कि #इंसानी_दिमाग ध्वनि के प्रति संवेदनशील होता है तथा इसे ज्यादा जल्दी और अच्छे समझ लेता है यही कारण है कि हम ध्वनि का तारत्व ( pitch ) , तीव्रता (Intensity) , राग (melody ) , लयताल (rhythm ) आदि की आसानी से पहचान कर लेते हैं|
ये सभी आवाजे वास्तव में प्रोटीन के अलग अलग रूपों को प्रदर्शित करती हैं और इस प्रकार वायरस की #जेनेटिक जानकारी को संगीत में बदलकर इसकी सबसे अधिक #संभावित ( probable ) संरचना को प्राप्त करके इसका #वेक्सीन बनाने में सहायता प्राप्त करेगी
इस शोध से यह प्राप्त हुआ है कि ऊपरी और निचले नोट से पता चलता है कि अमीनो एसिड कहाँ मजबूत और कहाँ कमजोर है इससे यह पता चल सकता है कि किस नोट पर यह वायरस मानव कोशिकाओं को पकड़ता है
यह विधि #मॉलिक्यूलर_मॉडलिंग कहलाती है
इससे यह जानकारी की जाती है कि कैसे वायरस के हमले को रोका जा सकता है |
इस संगीत के सोनिफाइड प्रोटीन को MIT के वैज्ञानिकों ने अपने डेटाबेस में सुरक्षित किया है, ताकि यह पता कर सकें कि इस प्रोटीन के साथ डेटाबेस में पहले से मौजूद कोई अन्य प्रोटीन इस पर कैसे रिएक्ट करता है
जो भी प्रोटीन कोरोना के सोनीफाइड प्रोटीन यानी संगीतयुक्त प्रोटीन को दबा देगा|
उसी प्रोटीन से इस वायरस की #वेक्सीन बनाई जा सकती है
यानी निकट भविष्य में संगीत से कोरोना का इलाज हो सकेगा
By
Dr_Avinash_Sharma