आज चांद भी दीवाली देख रहा

बिन चाँद दिवाली मनाई बहुत
आज चाँद भी दिवाली देख रहा
बिन तारीख और बिन निकले मुहर्त
दीपों की जगमग देख रहा.


इठलाता कभी इतराता है
कुछ सोच सोच वो मुस्काता है
जो तारे कभी चिढ़ाते थे उसे
दिवाली दृश्य सुनाते थे उसे
उन तारों संग मिलकर वो भी आज
आकाश में खुशियां बिखेर रहा


है दृश्य बड़ा ही अद्भुद जगमग
न कोई ईद, तीज त्यौहार है
करने मुकाबला अँधेरे से
एकसाथ सारा संसार है
देखकर एकता भारत की
चाँद रौशनी की छठा बिखेर रहा


बिन चाँद दिवाली मनाई बहुत
आज चाँद भी दिवाली देख रहा
- Neha Goley