विज्ञान कथाओं में था, अब घरों और सड़क पर है

विज्ञान कथाओं में था, अब घरों और सड़क पर है। कोविड19 अब सच्चाई है, केवल पर्दे या टीवी की चीज़ नहीं। डॉक्टर, पुलिस, सेना, प्रशासन, सहयोगी स्टाफ तथा और बहुत, सब गज़ब का काम कर रहे हैं। हम नागरिकों को भी उनके स्तर तक पहुंचने का प्रयास करना होगा। लेकिन कुछ समय बाद कुछ नई समस्याएं उभर सकती हैं जिन पर ध्यान देना होगा। जैसे साफ सफाई, उत्पादन बंद होने और वितरण श्रृंखला के ध्वस्त होने से सामान की कमी, सड़कों पर खड़े ट्रकों एवं स्टाफ की सुरक्षा (आसपास के क्षेत्रों को सामान की आवश्यकता पड़ेगी जो बाज़ारों में उपलब्ध नहीं होगा), पुलिस कर्मियों, उपलब्ध डॉक्टर तथा नर्सों की संख्या और शारीरिक क्षमता कम होगी और स्वयंसेवक चाहिए होंगे।



प्रशिक्षण आरम्भ हो जाने चाहिऐं। इंटरनेट धीमा हो सकता है। आवश्यक दवाईयों का उत्पादन बढ़ाने के लिए छोटी इकाईयां आरम्भ करनी होंगी (मगर कच्चा माल तो चीन से ही आएगा क्या?). घरों में किचन गार्डन आरम्भ करने का नेट पर प्रशिक्षण और बीज दिलाना, किचन वेस्ट से खाद बनाना। यह दौड़ लंबी है, लॉक डाउन ने थोड़ा सा सांस लेने का समय दिया है, हल नहीं। जिनके यहां ग्रिड से जुड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र है वे ग्रिड से बिजली न मिल पाने पर, कैसे उपयोग में लाएं? जो लोग विशेषज्ञ हैं, वे अनुभव बांट सकते हैं (सुनिश्चित करके कि आप सही हैं)। घर के प्लंबिंग और बिजली के छोटे-छोटे काम स्वयं कैसे करें, ये सिखाया जा सकता है। समस्या अभी चलेगी। कल की आज ही सोचना आवश्यक हैं। हम में से कुछ अपनी टिप्स के छोटे-छोटे वीडियो बना कर यू ट्यूब पर डाल सकते हैं