आज जो चांद उल्टा दिख रहा है ऐसा कोई भ्रम नहीं हैं चांद केवल अपनी कलाओ में गति करता हैं
चांद की चार प्रमुख कला या कहे फेस होते 24 मार्च को चांद प्रथ्वी और सूरज के बीच होने के कारण बिलकुल नहीं दिख रहा था इस रात को अमावस्या की रात्रभी कहा जाता हैं यार न्यू मून कह सकते हो फिर 1 अप्रैल तक ये प्रथम चरण में रहेगा और 8 अप्रैल को चांद गति करते हुए ऐसी जगह होगा जब प्रथ्वी सूरज और चांद के बीच होगी।8 अप्रैल तक चांद जमीन से दाहिने तरफ वाला हिस्सा चमकता रहेगा और फिर 9 से 22 अप्रैल के बीच बाए तरफ वाला हिस्सा चमकता रहेगा और 23 अप्रैल को चांद वापिस प्रथ्वी और चांद के बीच आ जाएगा जिससे फिर अमावस्या यानी अंधेरी रात होगी।
यह एक चांद और प्रथ्वी के बीच की सामान्य प्रक्रिया हैं जो लगातार चलती रहतीं