3 जनवरी को 107 वे इंडियन साइंस कांग्रेस के उदघाटन में देश भर के जुटे वैज्ञानिकों से आव्हान किया कि जैसे हमने अंतरिक्ष में सफलता पाई हैं वैसे ही अब हमे पानी, ऊर्जा, भोजन व खनिज के समुद्री संसाधनों पर भी विजय प्राप्त करे।
प्रधानमन्त्री ने युवा वैज्ञानिकों से कहा कि उन्हें देश के विकास और आम जनमानस के जीवन को सरल बनाने वाली तकनीक विकसित करने का काम करे। साथ ही उन्हें आदर्श वाक्य - इनोवेट, पेटेंट, प्रोड्यूस और प्रोस्पेरस को बताते हुए कहा कि ये चार स्टेप देश को आगे लेकर जाएंगे।
युवा वैज्ञानिकों को अनुसंधान में सहयोग करने के लिए आई- स्टेम नाम के पोर्टल की लॉन्चिंग भी की। साथ ही बताया कि अब शौध में सहयोग के लिए महंगे उपकरणों को एक प्लेट फार्म पर नेटवर्क बना दिया गया हैं ताकि अपने आसपास इन उपकरणों का उपयोग किया जा सके। डॉ संजीव कुमार श्रीवास्तव को इसका राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया है। इसका उपयोग करने के लिए www.istem.gov.in पर जाकर अपने आपको रजिस्टर्ड करना होगा।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस में विज्ञान संचार सम्मेलन, बाल विज्ञान कांग्रेस में राष्ट्रीय किशोर वैज्ञानिक सम्मेलन, महिला विज्ञान कांग्रेस, किसान विज्ञान कांग्रेस, देश के सभी विभागों की प्रदर्शनी और पूर्व वी सी विज्ञान कांग्रेस मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। साथ ही कर्नाटक के बालको के लिए बच्चो के ग्रामीण विकास के बारे में नजरिया बताने वाली एक मिनट की वेडियो प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
सीएसआईआर, प्रथ्वी विज्ञान मंत्रालय वी विज्ञान एवम् प्रोद्यौगिकी विभाग भारत सरकार के पंडाल मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एन सी एस टी सी की तरफ से वैज्ञानिक अधिकारी भारत भूषण आठ के निर्देशन में विज्ञान की रोचक गतिविधियों के स्टाल भी लगाए गए कागज से बने क्री गेमी व गणित को समझाने के लिए बैंगलोर के वी शास्त्री जी, चिटमक, प्रगति विज्ञान संस्था से रोहिणी ने कागज के माध्यम से गणित की मजेदार पहेलियों को हल करना सिखाया। तो पहली बार मेरठ के किसान गर्ल्स इन्टर कॉलेज की स्मिता शर्मा ने रसायन के प्रयोग करके दिखाए साथ हीं आने वालो की रूचि भी बढ़ी। एन ए एस इन्टर कालेज मेरठ के दीपक शर्मा ने दैनिक जीवन से जुड़े विज्ञान के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित किया।
हरदोई के अनस ने तथाकथित चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या कर सबको प्रभावित किया वहीं बिहार पटना के जावेद आलम और युनूस ने जल कृषि और जैविक खाद के बारे में बताया।
इसके अलावा डीएसटी के अन्तर्गत आने वाले 14 विभागों ने भी अपने द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई।
सभी राज्यो की विज्ञान एवम् प्रोद्यौगिकी परिषद् ने अपने अपने स्टाल लगाए थे वहीं उत्तर प्रदेश की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् लखनऊ उत्तर प्रदेश के स्टाल पर परिषद् के कार्यों को भी संयुक्त निदेशक राधेलाल गुप्ता और वैज्ञानिक अधिकारी सुमित ने भी आम् जनमानस को परिषद् द्वारा किए जाने वाले कार्यों से अवगत कराए। वहीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में डॉ ललित शर्मा के निर्देशन में देश भर से आए बाल वैज्ञानिकों ने अपने अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए वहीं उत्तर प्रदेश के दो बाल वैज्ञानिकों को लेकर वैज्ञानिक अधिकारी सुरेश चंद शर्मा ने भी बडे ही जिम्मेदारी के साथ प्रतिभाग किया।