पर्यावरण की मुहिम- वर्ष में 20 हजार व शीतकाल में अखरोट के लगाए 3000 पौधे

25 व 26 जनवरी 2020 के बीच नैनीताल जिले के ज्योलिकोट से प्रारम्भ करके रामगढ़ ब्लॉक के उमागढ़, तल्ला रामगढ़, नैकाना, नाथुआखान, ओढाखांन, सतखोल, शीतला, प्यूड़ा, लवेशाल, दरमोली, पंगराड़ी, गहना, भदोटी, शशबनी इन 15 जगहों पर ग्रामीणों को अखरोट के पौधे निशुल्क भेंट किये गए।
 1988 से पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से जारी मुहिम में वर्तमान में मेरा प्रतिवर्ष कम से कम 20 हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य है। इनमें से शीतकाल में पर्वतीय क्षेत्र में 3 हजार अखरोट के पौधे लगाए जाते हैं । हर वर्ष अलग अलग क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
पर्वतीय क्षेत्र में मेरे साथ हल्द्वानी के समाजसेवी श्री चंदन शर्मा जी अपने वाहन सहित साथ रहते हैं। हल्द्वानी के श्री विपिन भट्ट जी, श्री हरीश कांडपाल जी का भी सहयोग मिलता रहा है,  इनके अलावा इस वर्ष श्री नन्दन सिंह ने भी सहयोग किया। मैं इन सबका आभारी हूँ।
फ़ोटो में आप लोग देख रहे होंगे अखरोट के पौधे बिना मिट्टी के ही ले जाए जाते हैं, इसीलिए काफी आसानी रहती है । एक कार की डिक्की में डेढ़ दो हजार तक पौधे आसानी से ले जाये जा सकते हैं ।  ऐसे में एक बार में काफी बड़ा क्षेत्र कवर किया जा सकता है।
इन जगहों पर ग्रामीणों को वृक्षारोपण का महत्व बताया गया। उन्हें पॉलीथिन का प्रयोग रोकने और जल संरक्षण के लिये प्रेरित भी किया गया।
यदि हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में जीने लायक आबोहवा देना चाहते हैं तो प्रकृति की सेवा को अनिवार्य कर्तव्य समझना होगा।