तिरुवनंतपुरम मे चल रही 27वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019 मे बाल वैज्ञानिकोंके साथ आये हुए शिक्षकोंके लिए रोजाना विविध विषयोंसे सम्बन्धित वर्क—शोप्स का आयोजन किया गया है।
जिसके तहत आज 27वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के तिसरे दिन कैरला के वनमित्र अवार्ड से सम्मानित ओर जानेमाने पर्यावरणविद श्री फिरोज अहमद द्वारा सामुद्रिक जैवविविधता पर वर्क शोपका संचालन किया गया था।
अपने वर्कशॉप की शुरुआत में श्री अहमदने डोक्युमेंटरी विडियो दिखाई थी।जिनमें सर्वप्रथम उन्होंने लक्षद्वीप की दरीयाई किनारों पर फैली समृद्ध जैवविविधता का एक दस साल पुराना विडियो दिखाया ओर उसके तुरंत बाद लक्षद्वीपका एक लेटेस्ट विडियो दिखाया जिसमें दरीयामें बढ रहे प्लास्टिक प्रदुषणकी वजहसे दरीयाई जिवों एवं वनस्पतियों पर पड रही गंभीर असरोंको दिखाया गया।
बादमें श्री अहमद द्वारा अत्यंत तेजीसे बढ रहे प्लास्टिक प्रदुषण, विभिन्न राष्ट्रोंकी नौसेनाओ द्वारा किये जा रहे न्यूक्लियर परीक्षणो, अत्यांतिक माछीमारी तथा अन्य मानवीय प्रवृत्तियों द्वारा सामुद्रिक जैवविविधता पर पड रही गंभीर असरों के बारेंमे तलस्पर्शी चर्चा की गई। इस चर्चाके दौरान श्री अहमदने बढते प्लास्टिक प्रदुषणकी मनुष्य पर पडने वाली गंभीर असरों परभी प्रकाश डाला। प्रदुषण ओर अवैचारीक मानवीय प्रवृत्तियों के कारण अगर पर्यावरण या सामुद्रिक जैवविविधता पर कोई नुकसान होगातो कृषि एवं मनुष्य स्वास्थको उसका खामियाजा भुगतने को तैयार रहन
होगा।
श्री अहमदने अपने व्याख्यान में कहा के हमारे पूर्वजोंने हमारे बारेमे सोचा ओर हमे रहेनेके लिए खुबसूरत दुनिया छोडकर गये यह हमारी जिम्मेदारी है के हम हमारी आनेवाली पीढ़ी के बारे में गंभीरता पूर्वक सोचे ओर हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतरीन दुनिया छोड कर जाएं।अंतमे उन्होंने उपस्थित सभी श्रोताओं से सिंगल युस्ड प्लास्टिक के उपयोग सै परहेज करनेकी ओर दुसरो को भी उसकी प्रेरणा देनेकी अपील की।
बढ़ता प्लास्टिक प्रदूषण पड़ता जीवन पर असर