बाल वैज्ञानिकों ने देखा थुम्बा स्पेस संग्रहलया
देश का सबसे पहला राकेट लॉन्च करने वाला थुम्बा अब शोध कार्यों के लिए जाना जाता हैं
आज राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के चौथे दिन देश के उपराष्ट्रपति श्री वैंकिया नायडू से मिले वहीं सुबह देश के लिए स्पेस शोध का सपना साकार करने वाले विक्रम साराभाई स्पेस केद्र थुम्बा गए।
उत्तर प्रदेश के 56 बाल वैज्ञानिकों ने भी भ्रमण किया
1962 में देश का पहला राकेट असंबल किया गया और बिशप के घर जो की चर्च के एक कोने में था उस समय थुम्बा एकवेटरियल राकेट लॉन्चिंग स्टेशन के निदेशक का आफिस हुए करता था। बाद में जब नया प्रोजेक्ट आया तब नई इमारतें बनी पहला नियंत्रण केंद्र रिसर्च एंड डिवलेपमेंट कॉम्प्लेक्स वेली हिल पर बनाया गया।
चर्च बन गया स्पेस संग्रहलय
विक्रम साराभाई द्वारा लगाए गया पौधा अब 23 साल का हो गया था तब लोगो मै जिज्ञासा भी उपजने लगी तब 1985 में सेंट मेरी मेगडेलान चर्च को स्पेस संगृहलया के रूप में स्थापित कर दिया गया।
संग्रहल्या में पी एस एल वी का पूर्ण आकार का 44 मीटर का माडल भी रखा हैं साथ ही जी एस एल वी आदि के पांच गुना छोटे आकार के मॉडल को रखा गया है।
इंडियन स्पेस प्रोग्राम को 6 सेकसन में बाटा गया हैं जहां इतिहास, शिक्षा, तकनीक, एप्लिकेशन ग्लोबल, व भविष्य के बारे में दर्शाया गया हैं।
यह संग्राहलया प्रात 9.30 से 4 बजे तक प्रति कार्य दिवस खुलता हैै इसका ऑनलाइन पंजीकरण होता हैं साथ ही हर माह के तीसरे बुधवार को 11.45 पर शोध कार्य हेतू राकेट लॉन्चिंग होती हैं इसे आम जनता को भी देखने की इजाजत होती हैै।