3 दिन 12 समानांतर कक्ष 658 बाल वैज्ञानिक

27 वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 27 दिसंबर की दोपहर से शुरू हुए प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण 29  दिसम्बर को दोपहर तक संपन्न हो गया।


12 कमरे और 36 निर्णायको के साथ 658 बाल वैज्ञानिकों ने स्वच्छ, स्वास्थ्य व हरित भारत के लिए नवाचार व तकनीक पर स्थानीय स्तर की अवलोकन को प्रस्तुत किया बाद में बाहर एक बड़े हाल मै सभी बाल वैज्ञानिकों ने अपने चार्ट के माध्यम से आम जनमानस को भी अपने अनुभव पत्रो को समझाया।


अंडमान निकोबार की पी आशी अपूर्वा ने सलिड वेस्ट का प्रबंधन सिखाया। आंध्र की पी श्री लेखा , मछली के बेकार हिस्से से फिश अमीनो एसिड और प्रभावशाली माइक्रो अोर्जनिज्म बनाने का तरीका बता रही हैं।


आसाम का श्री हिरण्य राग शर्मा नागफणी से फाइबर बनाना सीखा रहा हैै वहीं आसाम का ही अनुराग शरीर को नुक्सान पहुंचाने वाले किट पतंगों से बचाव के लिए टैरो प्लांट के पौधे का उपयोग कर रहा हैै


साथ ही उत्तर प्रदेश के बाल वैज्ञानिक भी अपनी स्थानीय स्तर पर बेहतरीन समाधान निकाल रहे हैं।