संविधान के अनुच्छेद 51 ए एच को यहां 658 जिज्ञासु युवा वैज्ञानिक दिमाग पूर्ण अमल में ला रहे हैं यह बात27 वे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए केरल के मुख्यमत्री पिनाराई विजयान ने कही।
उन्होंने अनुच्छेद 51 ए एच को याद दिलाते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित होना चाहिए। इसे आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक समझ और जिज्ञासु प्रवृत्ति का बनाना होगा।
जर्नल में छपने वाले लेखकों की बात करे तो दुनिया में भारत तीसरे नंबर पर हैं।
केरला राज्य की नजर से विज्ञान तकनीकी का जिक्र करते हुए पीनाराई ने कहा कि कैसे हम निपा वायरस से लड़े और जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का वायरोलोजी केंद्र खोलने जा रहे हैं।
सांसद शशि थरूर ने अंधविश्वास को दूर करने के लिए विज्ञान की समझ का महत्व बताया।
27 वी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की स्मारिका हरिदाता का विमोचन मुख्य्मंत्री पिनराई विजयन और सांसद शशि थरूर ने किया।
हरीदाता में भविष्य के सुचनापरक लेख हैं जिसमें केरला के ऐतिहासिक गणित योगदान और विश्व के सबसे पहले फोटो का जिक्र किया गया है
ह्यूमन स्पेस सेंटर के निदेशक डॉक्टर उन्नीकृष्णन नायर, डी आर डी ओ बैंगलोर के महानिदेशक डॉ टेसी थामस, केरला फॉरेस्ट शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ पी एस ईसा ने बाल वैज्ञानिकों से बात चीत की।
इसरो की प्रदर्शनी भी यहां लगाई गई हैं।