क्या बालको का चहुंमुखी विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर का योगदान हैं

जब हम शिक्षा की बात करते हैं तो बालको के चहुंमुखी विकास की बात करते है और उसमें गुरु शिष्य का रिश्ता, शिक्षा का स्तर, स्कूल का शैक्षिक वातावरण, प्रधानाचार्य और शिक्षक और बालक के आपसी तालमेल के साथ ही समाज भी उसे प्रभावित करता हैं।


वर्तमान में शिक्षा के स्तर को सुधारने में माना जा रहा हैं की विद्यालय का इंफ्रस्ट्रक्चर शिक्षा की गुणवत्ता को काफी ऊंचाई पर ले जाएगा। भारत में दिल्ली की बात करे तो यहां के सभी सरकारी स्कूलों का भौतिक काया पलट कर दिया गया है। उनकी इमारतें हों या पुस्तकालय या फिर प्रयोगशालां सब कुछ किसी आलीशान इमारतों में बदल गया हैं । क्या इतना ही काफी शिक्षा में बड़े बदलाव के लिए? या फिर अभी कुछ और चाहिए शिक्षा को बेहतर समाज देने के लिए।


शिक्षाविदों की माने तो शिक्षा भौतिक सुख साधनों से नहीं आंतरिक संरचना में सुधार से होगी। उदहारण के तौर पर देखा जाय तो दुनिया की जानी मानी विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड