जी हां अब देश दुनिया में मोबाइल लैपटाप आदि का ए कचरा एक जटिल और गंभीर बीमारी बनता जा रहा हैं वहीं इस बीमारी का इलाज करने के लिए एक अनोखे अस्पताल का निर्माण मध्य प्रदेश में होने जा रहा हैं।
भोपाल नगर निगम, केद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी सहयोग के साथ ई कचरा अस्पताल बनाने जा रहा है। यहां सबसे पहले घर और वायवसायिक कचरे को प्लास्टिक, जैविक और ई कचरे आदि में अलग अलग किया जाएगा। फिर उसका निस्तारण कर दिया जाएगा।
भोपाल में इसे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में तीन माह चलाया जाएगा और यदि सफलता मिलती हैं तब देश के बाकी शहरों में भी स्थापित किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक कचरे को वैसे तो घर घर जाकर इकठ्ठा किया जाएगा परन्तु जो ऐसा नहीं कर पाएंगे वो लोग सीधे अस्पताल मै जमा कर उसके बदले में पैसा प्राप्त कर सकते हैं।
दिल्ली के करोल बाग में भी ऐसे काउंटर बने हैं जहां आप प्लास्टिक की बोतल जमा करें और बदले मै एक रुपया ले जाए।
जो कचरा आसानी से निस्तारण किया जा सकता हैं उसका तो वहीं इलाज हो जाएगा परन्तु खतरनाक कचरे को पुन्निस्चय करने के लिए बंगलुरू भेज दिया जाएगा।
अस्पताल में ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 का भी ध्यान रखा जाएगा।